मॉस्को. रूस के साइबेरिया में आर्कटिक ब्लास्ट हुआ है। इससे इलाके में पारा माइनस 62 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है। पूरे इलाके में पारा माइनस 40 डिग्री सेल्सियस से माइनस 62 डिग्री सेल्सियस तक है। बाल, आईब्रो और दाढ़ी पर तक पर बर्फ जम गई है। कार और बाइक चोक हो गई हैं। सबसे ज्यादा ठंड काउंटी मानसी इलाके में दर्ज की गई। यहां पारा माइनस 62 डिग्री है। ये 83 साल में सबसे कम है।6 फरवरी 1933 में माइनस 67.2 डिग्री दर्ज किया गया था…
– यहां सबसे कम टेम्परेचर 6 फरवरी 1933 में माइनस 67.2 डिग्री रिकॉर्ड किया गया था।
– ठंड के चलते मोबाइल समेत अन्य इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस बंद हो गए हैं।
– ठंड के चलते मोबाइल समेत अन्य इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस बंद हो गए हैं।
जनवरी में -60 डिग्री सेल्सियस रहता है पारा
– आबादी वाले इलाकों में साइबेरिया इस समय दुनिया में सबसे ठंडा इलाका है। यहां 83 साल में सबसे ज्यादा ठंड पड़ी है।
– जनवरी में पारा माइनस 60 डिग्री सेल्सियस रहता है। धरती पर सबसे ठंडा स्थान अंटार्कटिका है। यहां माइनस 89.2 डिग्री सेल्सियस टेम्परेचर रहता है।
– आर्कटिक ब्लास्ट से जगह-जगह हवा में बर्फ जम गई है।
– आबादी वाले इलाकों में साइबेरिया इस समय दुनिया में सबसे ठंडा इलाका है। यहां 83 साल में सबसे ज्यादा ठंड पड़ी है।
– जनवरी में पारा माइनस 60 डिग्री सेल्सियस रहता है। धरती पर सबसे ठंडा स्थान अंटार्कटिका है। यहां माइनस 89.2 डिग्री सेल्सियस टेम्परेचर रहता है।
– आर्कटिक ब्लास्ट से जगह-जगह हवा में बर्फ जम गई है।
क्या हो रहा असर?
– इतने कम तापमान में हडि्डयां तक टूट जाती हैं।
– इस सर्दी से बचने के लिए जंगली हिरण और घोड़े तक भागकर यहां बने रिहाइशी अपार्टमेंट में आ रहे हैं।
– इतने कम तापमान में हडि्डयां तक टूट जाती हैं।
– इस सर्दी से बचने के लिए जंगली हिरण और घोड़े तक भागकर यहां बने रिहाइशी अपार्टमेंट में आ रहे हैं।
क्या है आर्कटिक ब्लास्ट?
– उत्तरी ध्रुव को आर्कटिक भी कहा जाता है। यहां महासागर भी है।
– टेम्परेचर अत्यधिक कम होने के चलते लोअर लैटिट्यूड (अक्षांश) वाले इलाकों में बर्फीला तूफान चलने लगता है। पूरे इलाके में बर्फ की मोटी परत जमा हो जाती है।
– साइबेरिया आर्कटिक से नजदीक है। लिहाजा, यहां ब्लास्ट का ज्यादा असर होता है। टेम्परेचर काफी नीचे चला जाता है।
– उत्तरी ध्रुव को आर्कटिक भी कहा जाता है। यहां महासागर भी है।
– टेम्परेचर अत्यधिक कम होने के चलते लोअर लैटिट्यूड (अक्षांश) वाले इलाकों में बर्फीला तूफान चलने लगता है। पूरे इलाके में बर्फ की मोटी परत जमा हो जाती है।
– साइबेरिया आर्कटिक से नजदीक है। लिहाजा, यहां ब्लास्ट का ज्यादा असर होता है। टेम्परेचर काफी नीचे चला जाता है।