पठानकोट /अजय सैनी
पठानकोट के रावी दरिया पर बनने वाले शापुरकंडी बैराज प्रोजेक्ट डैम जो कि सन 2008 में बनना शुरू हुआ था लेकिन पड़ोसी राज्य जम्मू कश्मीर द्वारा कुछ ऑब्जेक्शन ओर अपनी पानी की मांग को लेकर ये प्रौजेक्ट किन्ही अटकलों के कारण रुक गया था।जिसको अब फिर से सभी अटकलें दूर करते हुए केंद्र सरकार ने एक बार फिर से मंजुरी दे दी है।2715 करोड़ रुपये की लागत से तीन साल में बनने वाले इस प्रोजेक्ट से बहुत से फायदे होने वाले है।एक तो जहाँ इस प्रोजेक्ट से 206 मेगावाट बिजली का उत्पादन होगा वही रावी दरिया पर पहले से बना रंजीत सागर डैम भी अपनी पूरी क्षमता पर चलेगा जिस से 600 मेगावाट बिजली उत्पादन की जयेगी कियोकि अभी अगर रंजीत सागर डैम के चारो यूनिट चलाये जाते है तो पानी रावी दरिया के रास्ते पाकिस्तान को छोड़ना पड़ता है जिस को अब बचाया जा सकेगा और इसके पानी से जहां पंजाब के किसानों को फायदा मिलेगा वही जम्मू कश्मीर के लोग भी इसका फायदा लेंगे।इसके इलावा टूरिस्ट बढ़ने की भी उम्मीद की जा सकती है इन सब बातों का खुलासा एक्सीयन रंजीत सागर डैम ने किया .वहीं इस बारे में जानकारी देते हुए एक्सीयन रंजीत सागर सागर डैम ने बताया कि ये प्रोजेक्ट जम्मू कश्मीर के साथ किसी समझौते को लेकर बन्द पड़ा था।लेकीन अब सब कुछ सही हो गया है और अब केंद्र सरकार द्वारा मंजूरी दे दी गयी है।और जल्द ही इसका कम जोरो पर होगा उन्होंने बताया कि 2715 करोड़ रुपये की लागत से ये प्रोजेक्ट तयार किया जाएगा इससे 206 मेगावाट बिजली उत्पादन होगा ओर किसानों की पानी की मांग भी इससे पूरी होगी और जो पानी हम पाकिस्तान को छोड़ते थे।वो अब नही छोड़ा जाएगा जो कि बहुत अच्छी बात है।