जिला पठानकोट में इस वार डेंगू का बहुत ही ज्यादा प्रकोप बढ़ा है जिससे कई लोगों की मौत भी हो चुकी है देखा जाए तो सरकार की और से हर साल बड़े बड़े दावे किए जाते है की उनकी और सिवल हस्पतालों में इस बीमारी से निपटने के लिए पुख्ता प्रबंध किए गए है जिस तरह से इस साल पठानकोट में डेंगू की बीमारी फैली है व् इस बीमारी के चलते कई लोगो की मौत हुई है इससे तो साफ है की सरकार व् प्रसाशन के यह दावे सिर्फ कागजों तक ही सिमित है पठानकोट के सिवल हस्पताल में अभी भी कई डेंगू के मरीज दाखिल है जो जिंदगी व् मौत के वीच झुज रहे है जिनका हस्पताल में ईलाज तो चल रहा है पर कुछ ज्यादा मरीज़ को लाभ नहीं मिल रहा अगर मरीज को लाभ नहीं मिल रहा तो फिर सरकारी व् प्रसाशन के दावे कहां गए यह सोचने वाली बात है यहां बात यह देखने वाली है की आख़िर पठानकोट में इतना डेंगू फैला कैसे व् यदि सिवल हस्पताल में इस बीमारी से निपटने के लिए पुख्ता प्रबंध थे तो जो मौतें हुई है व् कैसे हुई है क्या हस्पताल में इसके पुख्ता प्रबंध नहीं है पर वहीं हस्पतालों के डाक्टर तो साफ़ साफ़ कह रहे है की उनके हस्पताल में इस बीमारी से निपटने के लिए पुख्ता प्रबंध है सिवल हस्पताल के डाक्टर एम ,एल अत्री ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया की इस बार सिवल हस्पताल में पिछले साल से काफ़ी ज्यादा 300 के ऊपर डेंगू के मरीज दाखिल हुए थे जिनका ईलाज पूरी तरह किया गया है उन्होंने कहा की सिवल हस्पताल इस बीमारी से निपटने के लिए पुख्ता प्रबंध है व् मरीज़ों का सही ढंग से ईलाज किया जा रहा है। ……..
पर वहीं यह बात भी सही है की कहीं न कहीं पठानकोट में ज तो प्रसाशन की लापरवाही चल रही है ज फिर सरकार के दावे झूठे है जिसका ख़मियाज़ा लोगों को अपनी जिंदगी दाव पर लगा कर भुगतना पर रहा है। …. अब देखना यह होगा की क्या प्रसाशन व् सरकार इस और गंभीरता से देखती है जा फिर ऐसे ही लोग अपनी जिंदगी से हाथ धोते रहते है। ……