सुजानपुर अस्पताल में बतौर डॉक्टर कार्य करने वाले पवन अत्री ने अपने दुर्व्यवहार के कारण बीते इतिहास को उस समय दोहरा दिया जब डॉक्टर पवन अत्री के पास कैलाश-पुर का रहने वाला एक मरीज सरदारी लाल अपनी सेहत जाँच के लिए आया। उसके आने को ग़ल्त ठहराते हुए डॉक्टर पवन अत्री ने न केवल उसे गलत शब्दों के इस्तेमाल से अपमानित किया बल्कि उसे साथ हाथापाई भी की। यह दुर्व्यवहार न केवल डॉक्टर पवन अत्री ने मरीज सरदारी लाल से साथ किया बल्कि उसके पक्ष में पहुंचने वाले नगर पार्षद सुजानपुर रूप लाल के साथ भी हुआ। अपने अक्खड़ स्भाव के कारण सिविल अस्पताल पठानकोट से तबादले के दौरान यहां आने वाले डॉक्टर पवन अत्री से जब मिडिया ने बात कर सच्चाई जाननी चाही तो उन्होंने मिडिया को भी बिन बुलाये मेहमानों की सँज्ञा दे डाली। इस समस्त दुर्व्यवहार के केंद्र-बिंदु मरीज सरदारी लाल का कुसूर केवल इतना था की वो अपनी सेहत-जाँच के लिए उनके पास पहुंच गया था और बदले में उसे इलाज की बजाए जिल्ल्त सहनी पड़ी। मरीज सरदारी लाल ने बताया की वह अपनी सेहत की जाँच करवाने सिविल अस्पताल सुजानपुर आया था जहां उसने पहले ओ,पी,डी पर्ची कटवाई और उसने सबंधित कमरे का नंबर पूछा और जवाब मिला कमरा नंबर 15 . जब वो कमरा नंबर 15 में पहुंचा तो डॉक्टर पवन अत्रि ने उसकी बात न सुनकर उसे दो-चार सुननी शुरू कर दी और यहाँ तक की उसके साथ आने वाले नगरपार्षद रूप लाल को भी नहीं छोड़ा।
इस सबंध में जब सिविल सर्जन डॉक्टर नरेश कांसरा से बात की गई तो उन्होंने कहा की अगर शिकायतकर्ता उन्हें लिखित रूप में शिकायत देते हैं तो वह इसकी जाँच करेंगे और जो भी कारण सामने आएगा उसे आला-कमान को भेजेंगे। पिछली शिकायत के बारे में जब उनसे प्र्शन पूछा गया तो उन्होंने कहा की वह उसकी शिकायत भेज चुके हैं निर्णय एते ही मिडिया को भी बताया जाएगा।