एक तरफ पंजाब सरकार बच्चों को खेलों के प्रति जागरूक करने और पंजाब में अच्छे खिलाड़ी बनाने के लिए खिलाड़ियों बड़े पैमाने पर सुविधा उपलब्ध करवाने के फंड जारी कर रही है लेकिन कुछ ठेकेदार चंद पैसे कमाने के चक्कर में इन्ह खिलाड़ियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं मामला है गुरदासपुर के स्पोर्ट्स विंग का जहां 270 बच्चे अलग अलग खेलों की प्रैक्टिस करते है इन्ह बच्चों का अच्छा खिलाड़ी बनाने के लिए पंजाब सरकार की तरफ से रोज़ाना 100 रुपए की डाइट इन्ह खिलाड़ियों खाने के लिए दी जाती है लेक़िन चंद पैसे कमाने के चक्कर में कुछ ठेकेदार पिशले 1 महीने से इन्ह बच्चों को डाइट नही दे रहे ऐसे में बच्चे कैसे अच्छे खिलाड़ी बनेगें जह एक चिंता का विशा है
वहीं इस मामले की जानकारी देते हुए बास्केटबॉल और जिम्नास्टिक के खिलाडीयो ने बताया कि पिछले दो महीनों से हमे डाइट नही मिल रही पहले भी जब डाइट मिलती थी तो आधी मिलती थी जब कि हमारी डाइट में रोज़ाना 4 अंडे जां फिर 4 केले, 2 पैकेट दूध 30 से 35 ग्राम मिक्सचर होता है लेकिन हमे कुछ नहीं दिया जाता 2 महीने पहले आधी डाइट मिलती थी लेकिन अब कुछ नही मिल रहा ऐसे में हम क्या खेलेगें । अच्छा खिलाड़ी बनने के लिए अच्छी डाइट की बी जरूरत होती है जो हमें नही मिल रही जब कि जह सब कुश पंजाब सरकार दे रही है
इस मामले में बास्केटबॉल और जूड़ो के कोच ने बताया कि स्पोर्ट्स विंग में खेलने वाले बच्चों को पंजाब सरकार की तरफ से डाइट दी जाती है इस डाइट का ठेका कोई बी प्राइवेट वेयक्ति ले सकता है बच्चों की गिनती के हिसाब से रोज़ाना 100 रुपए पर बच्चे के हिसाब से उस ठेकेदार मिलते है लेकिन ठेकेदार चंद पैसे कमाने के चक्कर में बच्चों को पूरी डाइट नही देता ऐसा ही गुरदासपुर में हो रहा है चंद पैसे कमाने के चक्कर में में 1 महीनों से बच्चों को डाइट नही मिली अगर मिलती भी है तो आधी मिलती है ऐसे में बच्चे अच्छे खिलाड़ी कैसे बन सकते है जब की बच्चों की डाइट पैसे तो जह ठेकेदार खा जाते है जह बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ हो रहा इसे रोका जाए
वही इस मामले डिप्टी कमिश्नर गुरदासपुर गुरलवलीन सिंह का कहना है कि मामला उन्हके धयान में आ चुका है जल्द ही इसकी निपक्ष जांच की जाएगी और बनती कारवाई की जाएगी