बो वक़्त कुछ और था जब रावण के कद को सबसे बड़ा बनाया जाता था और दशहरे पर रावण दहन पर पूरा शहर रावण मेघनाथ कुम्भकर्ण के देहन को देखता था लेकिन अब इनका कद बढ़ती मेह्गाई के कारण छोटा हो गया है कियोकि जो बांस पहले 200 रुपये का मिलता था बो अब 400 रुापये के मिल रहा है जिस कारण जो पहले 30 फुट का रावण तीन हजार के लगभग मिल जाता था लेकिन अब बढ़ती मेह्गाई के आगे रावण मेघनाथ और कुम्भकर्ण भी बोने लगने लगे है अब इनकी हाइट पहले से आधी रह गयी है इस बारे में जब इन बुतों को बना रहे लोग से बात की गयी तो उन्होंने कहा की रावण मेघनाथ कुम्भकर्ण के पुतले बनाने का काम उनका काफी पुराना है लेकिन अब बो ये काम बंद करने को है कियोकि जो बांस पहले 200 रुपये का था अब बो 400 रुपये में मिल रहा है लेकिन ग्राहक पैसे खर्चता इस लिय हमने रावण मेघनाथ और कुम्भकर्ण के पुतलो की हाइट को पहले से घटा दिया है और अगर कोई जियादा हाइट के मांगता है तो जो पुतला पहले तीन से चार हजार रुपये में मिलता था अब उसे छे हजार रुपये तक बेच रहे है