देश के निजी अस्पतालों में स्वास्थ्य की दृष्टि से तो हालात बदतर एवं चिन्तनीय है ही, लेकिन ये लूटपाट एवं धन उगाने के ऐसे अड्डे बन गए हैं जो अधिक परेशानी का सबब है।हमारे देश में जगह-जगह छोटे शहरों में जैसे पठानकोट में निजी अस्पतालों में मरीजों की लूट-खसोट, इलाज में कोताही और मनमनापन कोई नई बात नहीं है. विशेषत जिला पठानकोट के अस्पतालों की श्रृंखला में इलाज एवं जांच परीक्षण के नाम पर जिस तरह से लाखों रूपये वसूले जा रहे हैं, वह तो इलाज के नाम पर जीवन की बजाय जान लेने के माध्यम बने हुए हैं।इसका ताजा उदाहरण आज पठानकोट के राम शरणम कालोनी स्थित स्वास्तिक अस्पताल में देखने को मिला जहां पर पठनकोट शहर के ही आनंदपुर रड़ा के वासी विकेश शर्मा किसी गंभीर बीमारी के चलते स्वास्तिक अस्पताल आए थे। जहां उन्हें बीते कल दाखिल कर लिया गया।वहीं इस बात की जानकारी देते हुए मरीज विकेश शर्मा के भाई जनक शर्मा ने बताया की में भाई को यूरिन की प्रॉब्लम थी जिस कारण हम कल सुबह अपने भाई को इस अस्पताल में इलाज के लिए लाए थे। जहां उन्हें डॉक्टर की तरफ से सुबह 10 बजे आईसीयू वार्ड में दाखिल कर लिया गया। और देर रात उन्हें बोला गया की उनके भाई का ऑपरेशन करना पड़ेगा जिसके लिए परिवारिक सदस्य तैयार हो गए। और फिर जब आज सुबह डॉक्टर से ऑपरेशन करने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा की हमारे पास अपरेश का सामान नहीं है इन्हे लुधियाना ले जाओ। इसी बात को लेकर मरीज के परिवारिक जनो ने विरोध जताते हुए डॉक्टर सुमित गुप्ता के ऊपर क़ानूनी कार्रवाई की मांग की है।ऐसे में यह साफ जाहिर होता है की प्राइवेट अस्पतालों के डॉक्टरों के लिए मरीजों की जान से कीमती सिर्फ पैसे हैं।